लता मंगेशकर जी के बारे में कुछ दुर्लभ तथ्य | जो शायद आप नहीं जानते

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लता मंगेशकर जी, जिन्हें भारत की “स्वर कोकिला” कहा जाता है, भारतीय संगीत की दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित हस्तियों में से एक हैं। सात दशकों से अधिक के अपने संगीत सफर में उन्होंने 30,000 से भी अधिक गाने गाए। हालांकि हम सभी उनकी आवाज़ और लोकप्रिय गीतों से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन उनके जीवन से जुड़े कई ऐसे दुर्लभ और अनसुने तथ्य हैं जो उनके व्यक्तित्व को और भी प्रेरणादायक बनाते हैं।

आइए जानते हैं लता दीदी के जीवन से जुड़े कुछ खास तथ्य जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं:

1. उनकी आवाज़ को कभी “बहुत पतली” कहकर नकार दिया गया था

संगीत के शुरुआती दिनों में एक संगीतकार ने लता जी की आवाज़ को यह कहकर ठुकरा दिया कि यह बहुत पतली है और लोगों को पसंद नहीं आएगी। लेकिन बाद में यही आवाज़ करोड़ों दिलों की धड़कन बन गई।

2. लता जी ने अभिनय भी किया था (थोड़े समय के लिए)

अपने परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए लता जी ने शुरुआती दौर में कुछ मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय भी किया था, जैसे पहिली मंगळागौर (1942) और बड़ी माँ (1945)।

3. वे राज्यसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं

लता मंगेशकर 1999 से 2005 तक राज्यसभा सांसद रहीं, लेकिन उन्होंने राजनीति में ज़्यादा रुचि नहीं ली और सदन में उनकी उपस्थिति बहुत सीमित रही।

4. उन्होंने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान पाया

1974 से 1991 तक गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उन्हें दुनिया की सबसे अधिक गाने रिकॉर्ड करने वाली गायिका के रूप में दर्ज किया गया था।

5. उर्दू सिखी ताकि उच्चारण सही हो सके

लता जी ने अपने गानों में उच्चारण की शुद्धता के लिए विशेष रूप से उर्दू सीखी, ताकि ग़ज़ल या शेरो-शायरी से भरपूर गीतों में कोई गलती न हो।

6. उन्होंने न्याय के लिए भूख हड़ताल की थी

1962 में जब संगीतकार नौशाद को एक फिल्म में उचित श्रेय नहीं मिला, तो लता जी ने उनके समर्थन में तीन दिन की भूख हड़ताल की थी, जब तक उन्हें श्रेय नहीं मिला।

7. उन्होंने अपने परिवार को मां-बाप की तरह संभाला

अपने पिता के निधन के बाद लता जी ने परिवार की पूरी जिम्मेदारी संभाली और अपनी बहन आशा भोसले समेत सभी को संभाला और उनके करियर को संवारने में मदद की।

8. उन्होंने पहले पद्म भूषण लेने से इनकार कर दिया था

1960 के दशक में जब उन्हें पद्म भूषण देने की बात हुई, तो उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया। बाद में 1969 में उन्होंने इसे स्वीकार किया।

9. उन्होंने कभी शादी नहीं की

लता मंगेशकर जी ने अपने जीवन को पूरी तरह संगीत और परिवार के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा था, “संगीत मेरा साथी था, मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं थी।”

10. स्टूडियो में रिकॉर्डिंग का खास समय तय था

लता जी को अक्सर सुबह के समय रिकॉर्डिंग करना पसंद था। उनका मानना था कि सुबह उनकी आवाज़ सबसे अच्छी रहती है। इसके अलावा, वे रिकॉर्डिंग के दिन काले कपड़े पहनने से भी बचती थीं।

अंत में: केवल एक स्वर नहीं, एक युग थीं लता जी

लता मंगेशकर जी न केवल महान गायिका थीं, बल्कि एक ऐसी इंसान थीं जिन्होंने संगीत को पूजा की तरह जिया। उनका जीवन, उनके मूल्य और समर्पण आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

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– स्वर्णिम धरोहर लता फाउंडेशन टीम 🎶